पावसात,
मन गुंतलं,
तुझ्या श्वासात..
विचारांचे रान,
स्वप्नांचे प्राण,
तुझ्या ध्यासात ..
हळवी पापणी,
हसरी जिवणी,
तुझ्या आठवांत..
अवेळी जागणं,
सुगंधी मोहरणं,
तुझ्याशी बोलण्यात..
आकाशात राहणं,
नकळत लिहिणं,
तुझ्या विचारांत..
- अभिजित गलगलीकर ..
I am as elusive, as you allow me to be.. I am as opaque, as you read me more.. I am as possesive, as you claim on me.. I am as fluent, as you ease me.. I am as impossible, as memories try to erase me ..
Wednesday, July 22, 2009
Thursday, July 2, 2009
सब नया नया है
नई जिंदगी ..नया सफ़र ..
नयी राहें, तुम हमसफ़र..
नया विश्वास, नई उम्मीद..
नये सुर, तुम पावन संगीत..
नया आसमां , नया बादल
नई उडान, साथी तुम्हारा आंचल.
नई उमंग , नई आशाएं
तुम्हे दर्शाती हथेली की नई रेखाएं..
सब नया नया है , क्यूंकी ...
गिर पडी है केंचुली पुराने जिस्म की..
तुम ही गवाह हो इस मंगल रस्म की ..
नयी राहें, तुम हमसफ़र..
नया विश्वास, नई उम्मीद..
नये सुर, तुम पावन संगीत..
नया आसमां , नया बादल
नई उडान, साथी तुम्हारा आंचल.
नई उमंग , नई आशाएं
तुम्हे दर्शाती हथेली की नई रेखाएं..
सब नया नया है , क्यूंकी ...
गिर पडी है केंचुली पुराने जिस्म की..
तुम ही गवाह हो इस मंगल रस्म की ..
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