सुन ले ऎ जिंदगी, तू मुझे यूंही डरा नही सकती
आखिर तक खेलूंगा मै, ऎसे ही हरा नही सकती
ख्वाब ही ख्वाब चुने थे मैने इस पूरी राह भर
पूरे किए बिना तू मुझे मुझसे चुरा नही सकती
तुझसे मिठेसे मरासिम कभी न जुड सके
तिखी यारी निभाके तू यूं मुस्कुरा नही सकती
कहने दे मुझे जो भी दिल मे छुपा रखा है
बिन कुछ बोले तू मुझे झूठा ठहरा नही सकती
लिखता रहूंगा आखरी सांस रहेगी जब तक
घुटके जीने का जुर्म तू मुझसे करा नही सकती
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