Friday, March 21, 2008

काश ..

काश मै उनसे कुछ कभी कह सकू
उनके रास्ते के साथ साथ
इक सयानी झील सा बह सकू
काश ..

रस्तों पर हाथ पकडे चलते रहे
पहचानी राह बनके मिलते रहे
काश मै हमारी एक मंजिल बना सकू
काश ..

सारी सारी रात मै जागता रहू
निंदिया से लुकाछिपी खेलता रहू
काश ये ख्वाब तुमसे कभी बांट सकू
काश ..

दिल से काफ़ी करीब है कुछ रिश्तें
कभी दोस्त,कभी रकीब है कुछ रिश्तें
काश एक दिलकश यारी तुमसे निभा सकू
काश ....

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