Sunday, December 28, 2008

नम शबनम

एक पल नम होगा, अगले पल शबनम
एक लफ़्ज गम होगा, लौटेगी हंसी मद्धम

कभी खरोंच लगेगी,कभी प्यार का मरहम
बाहों मे सिमट जाएगा आंसूओ का वहम

तुझसे ही जिंदगी है,सांसों मे है तू हरदम
सच है, झूठ है, ख्याल है, विश्वास है
तू है हर पल ऋतू बदलता हुआ मौसम..

No comments: